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राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के सीहोर स्थित शोध केंद्र के कृषि विज्ञानियों ने देशी चने की नई किस्म तैयार की है। गहरे भूरे रंग के इस चने की किस्म की खासियत इसका वजन है। नए चने के 100 बीजों का औसत वजन 41.3 ग्राम है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 23 Apr 2024 04:23 AM (IST)
Updated Date: Tue, 23 Apr 2024 04:23 AM (IST)
HighLights
- कृषि विज्ञानियों ने तैयार की भूरे रंग के देशी चने की नई किस्म
- राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्याजय में हुई चैयार
- सीहोर स्थित शोध केंद्र में 10 साल में तैयार हुई वेरायटी
अजय उपाध्याय, नईदुनिया, ग्वालियर : राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के सीहोर स्थित शोध केंद्र के कृषि विज्ञानियों ने देशी चने की नई किस्म तैयार की है। गहरे भूरे रंग के इस चने की किस्म की खासियत इसका वजन है। नए चने के 100 बीजों का औसत वजन 41.3 ग्राम है। अब तक के चने की अन्य किस्मों के 100 बीजों का वजन 20 से 25 ग्राम होता था। चने की नई किस्म का नाम राज विजय ग्राम 2के21 रखा गया है। यह बीज वजनदार होने के साथ ही अधिक पैदावार देगा।
10 साल का समय लगा
कृषि विज्ञानी बताते हैं कि बीज की नई किस्म नोटिफाई हो चुकी है। अब यह किस्म बीज विकास निगम को उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्पादन के बाद यह बीज दो वर्ष में किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विज्ञानी मोहम्मद यासीन का कहना है कि चने की इस किस्म को तैयार करने में करीब 10 साल का समय लगा है।
गहरे भूरे रंग के चने की फसल रबी सीजन में तैयार की जा सकेगी। अक्टूबर से मार्च के बीच फसल की बोवनी होगी। इसके 110 दिन के बीच में फसल तैयार हो जाएगी। इस किस्म से किसानों की आय में चार गुना वृद्धि होगी। चने की औसत पैदावार छह क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, इस नए चने की पैदावार प्रति हेक्टेयर करीब 20 से 25 क्विंटल हो सकती है।
विज्ञानियों के परिश्रम से भूरे रंग के चने का बीज तैयार हो चुका है। इसकी खासियत यह है कि वजनदार होने के साथ इसकी पैदावार अधिक है। मौसमी रोगों से भी इसका बचाव रहेगा, जिससे लागत कम होगी और किसानों की आय बढ़ेगी।
डा अरविंद शुक्ला, कुलपति राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर।
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